Saturday, August 30, 2014

....हज़ारों को दर्द है

घायल है आसमां तो सितारों को दर्द है ,
हम ही नहीं हैं तनहा हज़ारों को दर्द  है.

जब लूट गई बहार में गुलशन की आबरू,
 फूलों की चाल देख के खरों को दर्द है.


……एम जे राही 

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