Wednesday, September 10, 2014
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
औरत यानि समाज की इज्ज़त
***औरत यानि समाज की इज्ज़त*** तू प्रेम में राधा बनी , गृहस्थी मे बनी जानकी..... अब तू भी अपना रूप बदल ..... कि अब बात है तेरे सुरक्षा और सम्...
-
Agar mahsos karna hai to zra Adhore chand se nikal kar Khidki se Tumhare aram gah k andar jhankti Apne hoton par Tbassum saj...
-
हाँ मुझे याद है ! कि जब तुम मुझसे बातें करती थी तो ऐसा लगता था जैसे झरने का साफ़ पानी ऊँचाई से धरती पर गिर कर संगीत को जन्म दे रहा हो....
-
काम जब भी कोई नया कीजिये मशवरा दोस्तो कर लिया कीजिये आईने की तरह साफ़ है दिल मेरा आप भी अपना दिल आईना कीजिये जिंद...
No comments:
Post a Comment