ख्वाबों की तादाद बढ़ाता रहता हूँ
बिन शादी औलाद बढ़ाता रहता हूँ
सुबह भली हो या हो चाहे शाम हसीं ,
पलकों पे हर वक़्त झुलाता रहता हूँ
आंसू बन कर चुभता है वह आँखों में
जिसकी हर पल याद मनाता रहता हूँ
……………………।
............mjrahi
बिन शादी औलाद बढ़ाता रहता हूँ
सुबह भली हो या हो चाहे शाम हसीं ,
पलकों पे हर वक़्त झुलाता रहता हूँ
आंसू बन कर चुभता है वह आँखों में
जिसकी हर पल याद मनाता रहता हूँ
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............mjrahi
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