Saturday, January 2, 2016

ख्वाब जो बिखरे फिरते हैं !

इस साल को मैं तन्हाई मॆं खुशयों के गीत सुनाऊंगा
ख्वाब जो बिखरे फिरते हैं चुन चुन कर उसे सजाउँगा

तू खुशबू हवा मॆं घोल ज़रा , खामोश न रह कूछ बोल ज़रा
आँचल  मॆं तेरी लगाने को, मैं तारे तोड़ के लाउँगा

दूर हूँ मैं मजबूर है तू, है तुझको पता है मुझको ख़बर,
तू यादों के दीप जलायेगी
मॆं तेरी याद मनाऊंगा,

सांसो मॆं अजब सी उलझन, यादों का सुलगता गुलशन है
इस बार तुम्हरी चाहत मॆं, इस दिल को  आग लगाऊँगा

#mjrahi

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